कहने हैं सब तुमसे, सौंपने हैं तुम्हें.. वो नर्म-गर्म अहसास.. कहने हैं सब तुमसे, सौंपने हैं तुम्हें.. वो नर्म-गर्म अहसास..
शयद नसीब में लिखा अपना साथ नहीं। शयद नसीब में लिखा अपना साथ नहीं।
हार कर अब नियति मान बैठी है इसको अनकहे भावों की दास्तां वही पुरानी है। हार कर अब नियति मान बैठी है इसको अनकहे भावों की दास्तां वही पुरानी है।
वो चाहता तो कई सितारे तराशता मुझ से शायद उसे सितारे पसंद नहीं वरना वो यूँ दूर न रहता मुझ ... वो चाहता तो कई सितारे तराशता मुझ से शायद उसे सितारे पसंद नहीं वरना वो...
थम गई थी सांसें कुछ पल को मेरी ये देखकर थम गई थी सांसें कुछ पल को मेरी ये देखकर
जीवन में जो अंधेरे हैं, दीपावली आएं और साथ सब हर ले जाएं। जीवन में जो अंधेरे हैं, दीपावली आएं और साथ सब हर ले जाएं।